बांये कान के ठीक ऊपर, करीब एक कंगुरिया उंगरी छोड़ कर संतो की नवकनिया ने अपने बालों में एक अधखुली अपराजिता खोंस ली।
...'धत पगली कहीं की! ई फूल कहीं केस में कौई ख़ोपे है?', पिलखुआर बाली अपनी जईधीं पर झिरकते बोली।
' ऊ का है कि राधे के पप्पा को ईहे फूल बाली छापी की साड़ी बहुते पसिन है। त हमनी सोची कि एगो कली केस में खोंस लें। आप कहती हैं तो हम हटा लेते हैं।'
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