Thursday, April 27, 2017

अपराजिता

बांये कान के ठीक ऊपर, करीब एक कंगुरिया उंगरी छोड़ कर संतो की नवकनिया ने अपने बालों में एक अधखुली अपराजिता खोंस ली।
 ...'धत पगली कहीं की! ई फूल कहीं केस में कौई ख़ोपे है?', पिलखुआर बाली अपनी जईधीं पर झिरकते बोली।
' ऊ का है कि राधे के पप्पा को ईहे फूल बाली छापी की साड़ी बहुते पसिन है। त हमनी सोची कि एगो कली केस में खोंस लें। आप कहती हैं तो हम हटा लेते हैं।'

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